रांची, 29 मार्च 2025 ,अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) रांची महानगर ने अपनी नई कार्यकारिणी 2024-25 की घोषणा शनिवार को सेंट्रल लाइब्रेरी के सभागार में की। इस अवसर पर रांची महानगर अध्यक्ष के रूप में डॉ. संतोष कुमार महतो और महानगर मंत्री के रूप में तुषार दुबे को मनोनीत किया गया। इसके अलावा विभिन्न पदों पर अन्य कार्यकर्ताओं को दायित्व सौंपे गए।

रांची महानगर कार्यकारिणी के निर्वाचनकर्ता जिला प्रमुख आनंद ठाकुर ने पुरानी इकाई को भंग कर नई कार्यकारिणी की औपचारिक घोषणा की। कार्यक्रम में केंद्रीय कार्यसमिति सदस्य सुश्री दिशा जी, राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य शुभम पुरोहित, विभाग संयोजक रोहित शेखर, प्रादेशिक विश्वविद्यालय प्रमुख शिवेंद्र सौरव, एवं महानगर संगठन मंत्री बमभोला उपाध्याय मुख्य रूप से उपस्थित रहे।
महानगर मंत्री तुषार दुबे ने कहा, “अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का मूल ध्येय ‘ज्ञान, शील, एकता’ को आत्मसात करते हुए हम राष्ट्र प्रथम भाव से विद्यार्थियों के हित में और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए कार्य करेंगे। महानगर मंत्री केवल एक पद नहीं, बल्कि एक दायित्व है, जो मुझे हमेशा याद दिलाएगा कि रांची महानगर की शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करना हमारी जिम्मेदारी है। विद्यार्थी परिषद के सभी कार्यकर्ता 24×7 विद्यार्थियों के हितों की रक्षा के लिए तत्पर रहेंगे।”

विकसित भारत संगोष्ठी में युवाओं की भूमिका पर चर्चा
इस अवसर पर आयोजित ‘विकसित भारत’ संगोष्ठी को संबोधित करते हुए डॉ. आनंद ठाकुर ने कहा, “आज का युवा ही कल का भविष्य है। इसलिए हमें शैक्षणिक रूप से मजबूत होकर विश्व पटल पर भारत को एक महाशक्ति के रूप में स्थापित करना होगा। भारत ने शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और सैन्य शक्ति के क्षेत्र में अपनी अलग पहचान बनाई है। खेल जगत में भी भारत ने विश्व स्तर पर अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई है। ऐसे में युवाओं को अपनी प्रतिभा को पहचानकर राष्ट्र की प्रगति में योगदान देने के लिए आगे आना होगा।”
नीड-बेस्ड प्रोफेसर नियुक्ति को रोकने का विरोध
इस दौरान जिला संयोजक पवन नाग ने विश्वविद्यालयों में प्रोफेसर की कमी पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा, “नीड-बेस्ड प्रोफेसर नियुक्ति को रोकना अति निंदनीय है। वर्तमान में विश्वविद्यालयों में प्रोफेसरों की भारी कमी के कारण विद्यार्थी शिक्षा से वंचित हो रहे हैं। ऐसी स्थिति में यह निर्णय अनुचित है। अनुसूचित जाति एवं जनजाति कैटेगरी में स्वीकृति देकर शीघ्र नियुक्ति की जाए, अन्यथा विद्यार्थी परिषद आंदोलन के लिए बाध्य होगी।”




