आज दिनांक 26 अप्रैल 2025 को केंद्रीय सरना स्थल सिरोम टोली बचाओ मोर्चा के तत्वाधान में नगड़ा टोली सरना भवन में संवाददाता सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस सम्मेलन के माध्यम से सिरोम टोली रैम्प हटाने की मांग को लेकर राज्यव्यापी आंदोलन की घोषणा की गई। मोर्चा के नेताओं ने आरोप लगाया कि हेमंत सोरेन सरकार तानाशाही तरीके से कार्य कर रही है और लोकतंत्र की हत्या की जा रही है। सरकार आदिवासियों के धार्मिक एवं सांस्कृतिक मुद्दों पर चर्चा से बच रही है।
सम्मेलन में यह भी कहा गया कि सिरोम टोली रैम्प का मसला अकेला नहीं है, बल्कि लुगुबुरु, पारसनाथ, दिवरी दीरी, पेसा कानून आदि मुद्दों पर भी सरकार समाधान देने में विफल रही है। अबुआ सरकार के नाम पर आदिवासियों की भावनाओं से खिलवाड़ किया जा रहा है।

आंदोलनकारियों ने बताया कि दिनांक 24 अप्रैल की रात को एलएनटी कंपनी और जिला प्रशासन ने भारी संख्या में पुलिस बल का प्रयोग कर रैम्प निर्माण कार्य शुरू किया। जब आंदोलनकारियों ने विरोध किया तो महिलाओं और युवाओं को बलपूर्वक हटाया गया। अगले दिन 25 अप्रैल को जब मोर्चा ने आपात बैठक आयोजित की, तब प्रशासन ने भारी पुलिस बल तैनात कर स्थल को घेर लिया और आदिवासी समुदाय को सभा में शामिल होने से रोका गया। गाँव के अंदरूनी रास्तों से आ रहे लोगों को भी बलपूर्वक वापस भेजा गया। जो लोग सभा स्थल पर मौजूद थे, उन्हें जबरन स्थल खाली करने को मजबूर किया गया।
मोर्चा के प्रतिनिधियों ने कहा कि सरकार और जिला प्रशासन तानाशाही रवैया अपना रहे हैं और आदिवासियों की आवाज को दबाया जा रहा है। खिजरी विधायक श्री राजेश कच्छप द्वारा भी समाज की भावनाओं को देखते हुए रैम्प निर्माण कार्य रोकने का प्रयास किया गया और मुख्यमंत्री से वार्ता कराने की बात कही गई, परंतु उनकी बातों की भी अनदेखी कर निर्माण कार्य तेजी से जारी रखा गया, जिससे आदिवासी समाज में भारी आक्रोश व्याप्त है।

आंदोलन की आगामी योजना इस प्रकार घोषित की गई है:
- दिनांक 27/04/2025 को शाम 4:00 बजे झारखंड के सभी जिला मुख्यालयों एवं गांवों में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का पुतला दहन किया जाएगा।
- शीघ्र ही आदिवासी समाज मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के आवास का घेराव करेगा और धार्मिक एवं सांस्कृतिक हमलों के संबंध में उनसे जवाब मांगेगा।
- रांची में जयपाल सिंह मुंडा स्टेडियम में एकत्र होकर जुलूस की शक्ल में शहीद अल्बर्ट एक्का चौक पहुंचकर पुतला दहन किया जाएगा।
प्रेस वार्ता में उपस्थित प्रमुख नेता:
- गीताश्री उरांव (पूर्व मंत्री एवं राष्ट्रीय महिला अध्यक्ष, अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद)
- पवन तिर्की (राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद)
- प्रेम शाही मुंडा (केन्द्रीय अध्यक्ष, आदिवासी जन परिषद)
- कुन्दरसी मुंडा (वरिष्ठ उपाध्यक्ष, आदिवासी जन परिषद)
- निरंजना हेरेंज टोप्पो (अध्यक्ष, जय आदिवासी केन्द्रीय परिषद)
- राहुल तिर्की (पदाधिकारी, सरना प्रार्थना सभा रांची महानगर)
- संगीता कच्छप (राष्ट्रीय प्रचारिका, राजी पड़हा सरना प्रार्थना सभा)
- रवि मुंडा (पदाधिकारी, चडरी सरना समिति)
- सूरज टोप्पो (अध्यक्ष, आदिवासी मुलवासी मंच)
- अमित मुंडा, आकाश तिर्की (प्रदेश युवा मोर्चा अध्यक्ष, अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद)
- फूलचंद तिर्की (अध्यक्ष, केंद्रीय सरना समिति)
- संजय तिर्की (महासचिव, केंद्रीय सरना समिति)
- अरविंद उरांव (समाजसेवी, लोहरदगा)
- संदीप तिर्की, मनोज मुंडा, राकेश बड़ाईक, श्याम लाल मुंडा, रविन्द्र भगत, बाहा लिंडा, सुशीला कच्छप, सन्नी हेमरोम, सिम्मी तिर्की, लक्ष्मी मुंडा, शीतल उरांव, वासुदेव भगत एवं अन्य आंदोलनकारी साथी।




