रांची, 11 दिसंबर (हि.स.)। झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन गुरुवार को झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के विधायक हेमलाल मुर्मू ने संथाल परगना प्रमंडल में पिछले 50 वर्षों से अटके पड़े सर्वे सेटलमेंट के अधूरे काम का महत्वपूर्ण मुद्दा उठाया।
सर्वे की स्थिति और लंबित कार्य
हेमलाल मुर्मू ने ध्यानाकर्षण सूचना के तहत बताया कि संथाल में सर्वे सेटलमेंट का काम 1973 से चल रहा है, लेकिन यह अब तक पूरा नहीं हो सका है।
- कुल गांव: प्रमंडल में कुल 12,273 गांवों का सर्वे होना है।
- पूरा हुआ कार्य: अभी तक केवल 687 गांवों का ही सर्वे हो पाया है।
- लंबित कार्य: शेष 11,586 गांवों का सर्वे का काम लंबित है।
विधायक ने इस धीमी गति का मुख्य कारण बताते हुए कहा कि प्रमंडल में स्वीकृत 25 सहायक बंदोबस्त पदाधिकारियों के मुकाबले महज दो अधिकारियों के बूते ही यह कार्य हो रहा है। उन्होंने सरकार से इन पदों पर जल्द नियुक्ति कर सर्वे का काम पूरा कराने की मांग की।
मंत्री का जवाब: मानव संसाधन की कमी
विधायक की मांग के जवाब में भू राजस्व मंत्री दीपक बिरूवा ने सदन को बताया कि मानव संसाधन की कमी के कारण सर्वे का काम नहीं हो पा रहा है। उन्होंने स्वीकार किया कि राज्य के अन्य प्रमंडलों में भी सर्वे का काम लंबित है।
- नियुक्ति की योजना: मंत्री ने बताया कि राज्य में सीआई की परीक्षा का परिणाम जल्द आ जाएगा और कुछ पद पदोन्नति (Promotion) देकर भी भरे जाएंगे, जिसके बाद सर्वे का काम तेजी से किया जाएगा।
- आधुनिक तरीके में बाधा: उन्होंने बताया कि झारखंड में सर्वे के लिए अधिकारियों की टीम केरल और कर्नाटक भी गई थी। इस काम के लिए ड्रोन की मदद भी ली जा रही थी, लेकिन ग्रामीणों के विरोध के कारण इसे रोकना पड़ा।
- आश्वासन: मंत्री ने आश्वासन दिया कि वे कुछ सहायक बंदोबस्त पदाधिकारियों की नियुक्ति कर संथाल में सर्वे के काम में तेजी लाने का प्रयास करेंगे, ताकि यह कार्य जल्द से जल्द पूरा हो सके।



