धनबाद, 11 दिसंबर (हि.स.)। झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के शीर्ष नेतृत्व के निर्देश पर पार्टी की केंद्रीय समिति के सदस्यों ने गुरुवार को केंदुआडीह पहुंचकर गैस रिसाव प्रभावित क्षेत्र का निरीक्षण किया।
समिति का निरीक्षण और आकलन
कार्यवाही: टीम ने सबसे पहले केंदुआडीह थाना प्रभारी से बात की, जिसके बाद सभी प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया।
दस्तावेजों का निरीक्षण: उन्होंने प्रभावित घरों पर चिपकाए गए गैस रिसाव की मात्रा के नोटिस और बीसीसीएल (BCCL) के विस्थापन नोटिस का भी आकलन किया।
जनता से बातचीत: केंद्रीय समिति के सदस्यों ने प्रभावित लोगों से बात कर उनकी समस्याएं सुनीं और उनके विचारों को जाना।
झामुमो के आरोप और मांग
केंद्रीय समिति सदस्य डॉ. नीलम मिश्रा ने निरीक्षण के बाद अपनी प्रतिक्रिया दी:
गंभीर स्थिति: उन्होंने बताया कि प्रभावित इलाके में गैस रिसाव का उतार-चढ़ाव जारी है और स्थिति अच्छी नहीं है।
विस्थापन की साजिश: डॉ. मिश्रा ने बीसीसीएल प्रबंधन पर आरोप लगाया कि वह गैस रिसाव को बंद करने के प्रयासों पर ज्यादा ध्यान न देकर, स्थानीय लोगों को विस्थापित करने पर अधिक जोर दे रही है, जो न्यायसंगत नहीं है। उन्होंने इसे लोगों को हटाने की एक साजिश बताया।
सुरक्षा पहले: उन्होंने मांग की कि बीसीसीएल लोगों को हटाने के बजाय पहले गैस रिसाव को बंद करे। उन्होंने बताया कि इस घटना के दौरान दो लोगों की मौत हो गई और कई लोग बीमार पड़ गए।
मुख्यमंत्री की गंभीरता: डॉ. मिश्रा ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन इस मामले में गंभीर हैं और उन्होंने इस संबंध में ट्वीट भी किया है, जिसके बाद ही पार्टी शीर्ष नेतृत्व के निर्देशानुसार केंद्रीय समिति यहां पहुंची है।
वहीं, झामुमो जिला अध्यक्ष लखी सोरेन ने सीधे तौर पर बीसीसीएल पर आरोप लगाते हुए कहा कि बीसीसीएल केवल कोयला खनन पर ही ध्यान दे रही है, जबकि लोगों की सुरक्षा को लेकर वह गंभीर दिखाई नहीं पड़ती है।
इस निरीक्षण टीम में डॉ. नीलम मिश्रा, जिला अध्यक्ष लखी सोरेन, उपाध्यक्ष मुकेश सिंह के अलावा अन्य जिला कमिटी के पदाधिकारी शामिल थे।



