श्रीनगर के निशात करपुरा में नाका ड्यूटी पर तैनात सीआरपीएफ (CRPF) जवान सुजीत का पार्थिव शरीर शुक्रवार को ताबूत में बंद होकर और तिरंगे से लिपटकर कोडरमा जिले के देवीपुर गाँव पहुँचा। जैसे ही शव वाहन गाँव के प्रमुख द्वार पर रुका, वहाँ जन सैलाब उमड़ पड़ा। महिलाओं, बुजुर्गों, युवाओं सहित हजारों की संख्या में लोग सुजीत के अंतिम दर्शन के लिए पहुँचने लगे।
परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल था। गाँव के लोगों ने बताया कि सुजीत बचपन से ही शांत स्वभाव के थे और उनमें देश सेवा का जज्बा कूट-कूट कर भरा हुआ था। उनके ताबूत को देखकर हर किसी की आँखें नम हो गईं।
गाँव के मुख्य मार्ग से अंतिम यात्रा निकाली गई, जिसमें जन समुदाय कंधा मिलाकर चल रहा था। इस दौरान “सुजीत अमर रहे” और “भारत माता की जय” के नारों से पूरा इलाका गूंज उठा।
🫡 गार्ड ऑफ ऑनर
अंतिम संस्कार स्थल धोबिया डीह स्थित नदी के मुक्तिधाम पर सुरक्षा बलों की टुकड़ी ने उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर देते हुए सलामी दी। उमड़ी भीड़ ने यह साबित कर दिया कि सुजीत सिर्फ एक जवान नहीं थे, बल्कि पूरे क्षेत्र का गौरव थे। उनके बड़े भाई विकास कुमार सिंह भी सीआरपीएफ के जवान हैं।
सुजीत की अंतिम यात्रा में एसडीपीओ अनिल सिंह, बीडीओ हुलास महतो, सीओ परमेश्वर कुशवाहा, थाना प्रभारी सुमन कुमार, जिप अध्यक्ष रामधन यादव, प्रखण्ड प्रमुख बिजय कुमार सिंह सहित कई गणमान्य लोग और ग्रामीण मौजूद रहे।
इस दौरान सीआरपीएफ के अधिकारी सुशांत और जितेंद्र सिंह से सुजीत की मौत के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कुछ भी बोलने से मना कर दिया।



