8-10 साल काम करने के बाद सुप्रीम कोर्ट से रद्द हुई थी बहाली
पलामू, 16 दिसंबर (हि.स.)।
पलामू: अपनी नौकरी में समायोजन की मांग को लेकर पलामू में बर्खास्त 251 अनुसेवक संघ के बैनर तले बड़ी संख्या में अनुसेवकों ने मंगलवार को जोरदार प्रदर्शन किया। अनुसेवकों ने साहित्य समाज चौक स्थित मैदान से एक विशाल रैली निकाली, जो छहमुहान होते हुए कचहरी पहुंची, जहां उन्होंने समाहरणालय गेट पर प्रदर्शन किया और जल्द समायोजन की मांग की।
🗣️ पूर्व विधानसभा अध्यक्ष ने दिया समर्थन
बर्खास्त अनुसेवकों की मांगों का समर्थन करते हुए पूर्व विधानसभा अध्यक्ष (स्पीकर) इंदर सिंह नामधारी भी आंदोलन में शामिल हुए।
- उन्होंने कहा कि 8 से 10 साल काम करने के बाद इन अनुसेवकों की बहाली को तकनीकी खामी बताते हुए सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया था, और बहाली विज्ञापन पर सवाल उठाया गया था।
- उन्होंने तर्क दिया कि विज्ञापन निकालने में अनुसेवकों की कोई भूमिका नहीं थी।
- उन्होंने छत्तीसगढ़ का उदाहरण दिया, जहां बर्खास्त किए गए 2600 कर्मियों को वापस अन्य बहालियों में शामिल कर लिया गया है।
- नामधारी ने कहा कि झारखंड छत्तीसगढ़ से गरीब राज्य नहीं है, और पलामू जिले में नौकरी बहुत महंगी होती है।
उन्होंने मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री से आग्रह किया कि सभी 251 बर्खास्त अनुसेवकों का समायोजन करें। उन्होंने उम्मीद जताई कि वित्त मंत्री द्वारा अनुसेवकों की क्षमता देखने के वादे पर सफलता जरूर मिलेगी।
😥 भुखमरी के कगार पर अनुसेवक
बर्खास्त अनुसेवकों ने अपनी व्यथा बताते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने उन्हें जल्द समायोजन का आश्वासन दिया था, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
- नौकरी से हटाए जाने के कारण उनकी आर्थिक स्थिति काफी खराब हो गई है और वे भुखमरी के कगार पर पहुंच गए हैं।
- उन्होंने बताया कि कई अनुसेवकों की मौत हो चुकी है।
- बेरोजगारी के कारण वे न तो घर चला पा रहे हैं और न ही अपने बेटे-बेटियों की शादी कर पा रहे हैं; यहाँ तक कि लगी हुई शादियां भी कट गई हैं।
प्रदर्शन के बाद, अनुसेवकों ने मुख्यमंत्री के नाम एक मांग पत्र उपायुक्त को सौंपा।
🚦 यातायात हुआ बाधित
रैली जैसे ही छहमुहान पर पहुंची, सड़क जाम हो गई। ट्रैफिक प्रभारी सतेन्द्र कुमार दुबे ने अनुसेवकों को समझाकर भीड़ को शांत कराया और यातायात व्यवस्था को नियंत्रित किया।




