धनबाद: कोल इंडिया के नवनियुक्त चेयरमैन बी साईराम ने पदभार संभालने के बाद गुरुवार को अपने पहले आधिकारिक दौरे के लिए कोयला राजधानी धनबाद को चुना। सड़क मार्ग से रांची से धनबाद पहुंचते ही चेयरमैन सीधे केंदुआडीह के गैस रिसाव प्रभावित क्षेत्रों में पहुंचे और जमीनी हकीकत का बारीकी से निरीक्षण किया।
100 साल पुरानी खदानें और जटिल चुनौतियां
निरीक्षण के दौरान चेयरमैन ने स्वीकार किया कि झरिया और आसपास के क्षेत्रों में गैस रिसाव की समस्या काफी जटिल है। उन्होंने कहा:
”यहाँ भूमिगत खदानें और कार्यप्रणाली 100 साल से भी अधिक पुरानी है, जहाँ सीधे पहुंचना मुमकिन नहीं है। लेकिन हम वैज्ञानिक और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्य तकनीकों का उपयोग कर इसे नियंत्रित करने में जुटे हैं।”
गैस रोकने के लिए ‘नाइट्रोजन फ्लशिंग’ तकनीक का सहारा
गैस रिसाव और भूमिगत आग पर काबू पाने के लिए किए जा रहे प्रयासों की समीक्षा करते हुए बी साईराम ने बताया कि वर्तमान में नाइट्रोजन फ्लशिंग (Nitrogen Flushing) जैसी उन्नत तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है। उन्होंने भरोसा जताया कि केंदुआडीह में इसके सकारात्मक परिणाम मिलते ही अन्य प्रभावित क्षेत्रों में भी इसी तरह आक्रामक रूप से कार्य शुरू किया जाएगा।
पुनर्वास और सुरक्षा पर जोर
चेयरमैन ने अधिकारियों के साथ सुरक्षा व्यवस्था और प्रभावित लोगों के पुनर्वास (Rehabilitation) की स्थिति पर भी चर्चा की। उन्होंने स्पष्ट किया कि:
- जान-माल की सुरक्षा: कोल इंडिया की पहली प्राथमिकता जान-माल की हानि को रोकना है।
- समन्वय: राज्य सरकार, केंद्र सरकार और जिला प्रशासन के साथ मिलकर बेहतर तालमेल बिठाया जा रहा है।
- अपील: उन्होंने स्थानीय निवासियों से आग्रह किया कि किसी भी संदिग्ध गतिविधि या परेशानी की स्थिति में तुरंत बीसीसीएल प्रबंधन या प्रशासन को सूचित करें।
अधिकारियों को दिए कड़े निर्देश
निरीक्षण के दौरान बी साईराम ने बीसीसीएल के अधिकारियों को स्थिति पर 24 घंटे निगरानी रखने और सुरक्षा मानकों में किसी भी तरह की कोताही न बरतने का निर्देश दिया। उनके इस दौरे को झरिया मास्टर प्लान और विस्थापन की समस्याओं के समाधान की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है।
प्रमुख बिंदु एक नज़र में:
|
विषय |
विवरण |
|---|---|
|
मुख्य अतिथि |
बी साईराम (चेयरमैन, कोल इंडिया) |
|
प्रभावित क्षेत्र |
केंदुआडीह, धनबाद |
|
प्रमुख तकनीक |
नाइट्रोजन फ्लशिंग (वैज्ञानिक नियंत्रण) |
|
प्राथमिकता |
सुरक्षा और त्वरित पुनर्वास |



