धनबाद: ‘पढ़ो और लड़ो’ के प्रणेता विनोद बिहारी महतो की पुण्यतिथि पर उमड़ा जनसैलाब; विधायक मथुरा महतो ने अर्पित की श्रद्धांजलि

धनबाद: झारखंड आंदोलन के पुरोधा और जन-जन के चहेते नेता स्वर्गीय विनोद बिहारी महतो की पुण्यतिथि गुरुवार को धनबाद में अत्यंत श्रद्धा के साथ मनाई गई। धनबाद रेलवे स्टेशन परिसर में स्थित उनकी आदमकद प्रतिमा के समक्ष सुबह से ही समर्थकों और नेताओं का तांता लगा रहा।

नेताओं ने किया माल्यार्पण

​श्रद्धांजलि कार्यक्रम में मुख्य रूप से झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के टुंडी विधायक मथुरा प्रसाद महतो, जिला अध्यक्ष लखी सोरेन और वरिष्ठ नेत्री नीलम मिश्रा शामिल हुए। उन्होंने प्रतिमा पर माल्यार्पण कर झारखंडी अस्मिता के इस महान नायक को याद किया। इस दौरान ‘विनोद बिहारी महतो अमर रहें’ के नारों से स्टेशन परिसर गूंज उठा।

‘पढ़ो और लड़ो’ का नारा आज भी प्रासंगिक

​श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद विधायक मथुरा प्रसाद महतो ने मीडिया से बात करते हुए कहा:

​”विनोद बाबू ने न केवल झारखंड निर्माण की लड़ाई लड़ी, बल्कि उन्होंने समाज को शिक्षा का महत्व भी समझाया। उनका प्रसिद्ध नारा ‘पढ़ो और लड़ो’ आज भी राज्य के युवाओं के लिए सफलता का मूल मंत्र है। उन्होंने शिक्षा की जो अलख जगाई थी, वह आज भी हमें प्रेरित करती है।”

 

हक और अधिकार की लड़ाई के प्रतीक

  • लखी सोरेन (जिला अध्यक्ष): उन्होंने कहा कि विनोद बाबू केवल एक नेता नहीं, बल्कि झारखंड के हक और अधिकार की लड़ाई के प्रतीक थे। उनकी प्रेरणा से ही जेएमएम आज भी राज्य के लोगों के कल्याण के लिए काम कर रहा है।
  • नीलम मिश्रा (जेएमएम नेत्री): उन्होंने महतो के आजीवन संघर्ष को याद करते हुए कहा कि शोषितों और वंचितों के उत्थान के लिए उनके योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता।

आम जन और फुटपाथ संघ ने भी दी श्रद्धांजलि

​समारोह में केवल राजनीतिक दल ही नहीं, बल्कि आम जनता का भी भारी जुड़ाव देखा गया। झारखंड फुटपाथ संघ के सदस्यों ने भी प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर उन्हें नमन किया। उपस्थित लोगों ने शपथ ली कि वे विनोद बाबू के बताए हुए सामाजिक समरसता और शिक्षा के रास्ते पर चलेंगे।

एक नज़र में विनोद बिहारी महतो का योगदान:

  • आंदोलन: झारखंड अलग राज्य आंदोलन के प्रमुख स्तंभ।
  • शिक्षा: “पढ़ो और लड़ो” नारे के जरिए युवाओं में जागरूकता।
  • सामाजिक कार्य: कुर्मी समाज में व्याप्त बुराइयों को खत्म करने और शिक्षा के प्रसार के लिए दर्जनों शिक्षण संस्थानों की स्थापना।

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Author: haqeeqatnaama