चाईबासा, पश्चिमी सिंहभूम | 21 दिसंबर, 2025 बंदियों को त्वरित न्याय दिलाने और उनके मानवाधिकारों के संरक्षण की दिशा में आज चाईबासा मंडल कारा में एक महत्वपूर्ण पहल की गई। झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (JALSA) के निर्देशानुसार और प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश मौहम्मद शाकिर के मार्गदर्शन में रविवार को जेल परिसर में जेल अदालत और निःशुल्क स्वास्थ्य जांच शिविर का आयोजन किया गया।
न्यायिक प्रक्रिया में तेजी: जेल अदालत का संचालन
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (DLSA) के तत्वावधान में आयोजित इस जेल अदालत में न्यायिक दंडाधिकारी अंकित कुमार सिंह की पीठ ने मामलों की सुनवाई की। अदालत का मुख्य उद्देश्य उन बंदियों को राहत प्रदान करना था जो छोटे अपराधों में लंबे समय से बंद हैं या जिन्हें त्वरित कानूनी सहायता की आवश्यकता है। पीठ द्वारा कई मामलों की समीक्षा की गई और कानूनी प्रक्रिया के तहत बंदियों को त्वरित राहत देने की पहल की गई।
कैदियों के स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान
न्यायिक कार्यवाही के साथ-साथ, स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से एक व्यापक चिकित्सा शिविर भी लगाया गया। इस शिविर की मुख्य विशेषताएं रहीं:
- चिकित्सकीय परीक्षण: जेल के सभी बंदियों की शारीरिक जांच की गई।
- परामर्श: स्वास्थ्य की स्थिति के आधार पर बंदियों को विशेषज्ञों द्वारा आवश्यक चिकित्सकीय परामर्श और दवाएं उपलब्ध कराई गईं।
- सतर्कता: जेल के भीतर संक्रामक रोगों की रोकथाम और सामान्य स्वास्थ्य मानकों को बनाए रखने पर जोर दिया गया।
प्रशासनिक उपस्थिति
इस अवसर पर जेल अधीक्षक सुनील कुमार, न्यायिक कर्मचारी और स्वास्थ्य विभाग की टीम मुख्य रूप से उपस्थित रही। जेल प्रशासन ने बताया कि इस तरह के आयोजनों से न केवल अदालतों का बोझ कम होता है, बल्कि बंदियों में मानसिक और शारीरिक सुधार की भावना भी पैदा होती है।
उद्देश्य: “इस आयोजन का मूल ध्येय ‘न्याय सबके लिए’ के संकल्प को सिद्ध करना और जेल के भीतर बंदियों को बेहतर जीवन स्थितियां प्रदान करना है।”



