रांची | 21 दिसंबर, 2025 शिक्षा को केवल किताबों तक सीमित न रखकर उसे एक रोमांचक अनुभव बनाने की दिशा में केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने एक सराहनीय पहल की है। रविवार को धुर्वा स्थित सरस्वती शिशु विद्या मंदिर में आयोजित एक दिवसीय ‘कैपेसिटी बिल्डिंग प्रोग्राम’ में शिक्षकों को आधुनिक शिक्षण विधियों से रूबरू कराया गया।
‘स्टोरी टेलिंग’: रटने की प्रवृत्ति से समझ की ओर
इस विशेष कार्यशाला का मुख्य विषय ‘स्टोरी टेलिंग ऐज़ पेडगॉजी’ (शिक्षण शास्त्र के रूप में कहानी सुनाना) था। कार्यक्रम का उद्देश्य शिक्षकों को यह सिखाना था कि कैसे किसी जटिल विषय को एक कहानी के रूप में पिरोकर छात्रों तक पहुंचाया जाए।
विशेषज्ञों का मार्गदर्शन
प्रशिक्षण सत्र में मुख्य वक्ता (रिसोर्स पर्सन) के रूप में उपस्थित दिग्गजों ने अपने अनुभव साझा किए:
- प्रेमलता (प्राचार्या, डीपीएस हजारीबाग): उन्होंने बताया कि कहानी कहने की विधा बच्चों की कल्पनाशीलता और रचनात्मक सोच (Creative Thinking) को विकसित करने का सबसे सशक्त माध्यम है।
- संजीव कुमार चक्रवर्ती (प्रधानाध्यापक, विद्या विकास पब्लिक स्कूल): उन्होंने कक्षा में कहानियों के व्यावहारिक उपयोग के उदाहरण दिए, जिससे विषय न केवल रोचक बनते हैं बल्कि छात्रों को लंबे समय तक याद भी रहते हैं।
शिक्षण कौशल में निखार
इस कार्यक्रम में सरस्वती शिशु विद्या मंदिर के 60 शिक्षकों ने भाग लिया। कार्यशाला के दौरान शिक्षकों को बताया गया कि कहानी कहने से छात्रों और शिक्षकों के बीच संवाद बेहतर होता है और कक्षा का वातावरण ‘छात्र-केंद्रित’ (Student-Centric) बनता है। शिक्षकों ने इस सत्र को नई ऊर्जा देने वाला और प्रेरणादायक करार दिया।
आभार और समापन
वेन्यू डायरेक्टर एवं विद्यालय के प्राचार्य ललन कुमार ने कार्यक्रम के सफल आयोजन पर खुशी जाहिर की। उन्होंने अतिथियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा:
”इस तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रम शिक्षकों के कौशल संवर्धन के लिए अनिवार्य हैं। जब शिक्षक नई तकनीकें सीखेंगे, तभी हम विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास सुनिश्चित कर पाएंगे।”
कार्यक्रम के दौरान विद्यालय के वरिष्ठ शिक्षक और कई शिक्षाविद् भी उपस्थित रहे, जिन्होंने इस पहल को आधुनिक शिक्षा की जरूरत बताया।




