रांची | 22 दिसंबर, 2025 रांची नगर निगम में आरक्षण रोटेशन के तहत अनुसूचित जाति (SC) के लिए मेयर पद का आरक्षण समाप्त किए जाने के निर्णय पर विरोध के स्वर तेज हो गए हैं। आदिवासी मूलवासी जनाधिकार मंच के केन्द्रीय उपाध्यक्ष विजय शंकर नायक ने इस फैसले को लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ बताते हुए इसे समुदाय के साथ अन्याय करार दिया है।
”केवल दो वार्ड सीटें देना सम्मान पर हमला”
सोमवार को एक प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए विजय शंकर नायक ने कहा कि नगर निगम में एससी मेयर पद का आरक्षण खत्म कर केवल दो वार्ड सीटें आरक्षित करना अनुसूचित जाति समुदाय के राजनीतिक अधिकारों और उनके सम्मान पर सीधा प्रहार है। उन्होंने इसे पूरी तरह अनुचित और अतार्किक बताया।
संवैधानिक प्रावधानों का दिया हवाला
नायक ने इस निर्णय पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, राज्य निर्वाचन विभाग और नगर विकास विभाग से स्पष्टीकरण की मांग की है। उन्होंने संविधान के अनुच्छेद 243-T का उल्लेख करते हुए कहा:
“संविधान के अनुसार स्थानीय निकायों में अनुसूचित जाति को उनकी जनसंख्या के अनुपात में उचित प्रतिनिधित्व मिलना अनिवार्य है। वर्तमान निर्णय संवैधानिक प्रावधानों के विपरीत प्रतीत होता है।”
सरकार से फैसले पर पुनर्विचार की मांग
आदिवासी मूलवासी जनाधिकार मंच ने सरकार को चेतावनी दी है कि:
- इस निर्णय को तत्काल वापस लिया जाना चाहिए।
- यदि सरकार इस विषय पर संवेदनशीलता नहीं दिखाती है, तो इसे अनुसूचित जाति समुदाय को राजनीतिक रूप से हाशिये पर धकेलने की एक गहरी साजिश माना जाएगा।
विजय शंकर नायक ने रांची के उपायुक्त और संबंधित विभागों से मांग की है कि आरक्षण की इस विसंगति को दूर कर समुदाय के लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा सुनिश्चित की जाए।




