आरटीई एक्ट 2019 के तानाशाही संशोधन को निरस्त करने की मांग को लेकर पासवा का एक दिवसीय सम्मेलन संपन्न

झारखंड की राजधानी रांची में आज झारखंड प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष श्री केशव मेहता कमलेश की अध्यक्षता में आयोजित एक दिवसीय सम्मेलन में 2019 के आरटीई कानून संशोधन को रद्द करने की पुरजोर मांग उठाई गई। कार्यक्रम का आयोजन पूर्व वित्त मंत्री और पासवा के मुख्य संरक्षक डॉ. रामेश्वर उरांव के सरकारी आवास पर किया गया।

सम्मेलन की मुख्य बातें:

1. राष्ट्रीय अध्यक्ष आलोक कुमार दूबे के नेतृत्व में पासवा ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किए।

2. 2019 के संशोधन को केवल झारखंड में लागू करना असंवैधानिक बताया गया।

3. मांग की गई कि 2009 के आरटीई कानून के तहत निजी विद्यालयों को मान्यता प्रदान की जाए।

4. यू डायस पोर्टल को पुनः चालू करने की मांग।

5. छोटे निजी विद्यालयों के लिए 2019 संशोधन की शर्तों को अव्यवहारिक बताया गया।

6. सरकार से अनुरोध किया गया कि कक्षा 5 और 8 तक के विद्यालयों के लिए 2019 संशोधन में लागू किए गए कठोर नियम हटाए जाएं।

सम्मेलन में शामिल प्रमुख हस्तियां:

श्री केशव मेहता कमलेश (प्रदेश अध्यक्ष, झारखंड कांग्रेस)

डॉ. वी.के. सिंह (डायरेक्टर, आकांक्षा)

श्री रोशन लाल भाटिया (वरिष्ठ कांग्रेस नेता)

नीरज कुमार (प्रदेश महासचिव, पासवा)

राष्ट्रपति अवार्ड विजेता फलक फातिमा

झारखंड के विभिन्न जिलों से आए 1000 से अधिक निजी विद्यालय संचालक

सम्मेलन के प्रमुख प्रस्ताव:

झारखंड में 2019 आरटीई संशोधन को तत्काल रद्द किया जाए।

2009 के आरटीई कानून के तहत सभी विद्यालयों को मान्यता दी जाए।

2019 के पहले से संचालित यू डायस प्राप्त विद्यालयों को मान्यता संबंधी परेशानियां समाप्त हों।

निजी विद्यालयों के संचालन और मान्यता के लिए व्यावहारिक नियम लागू किए जाएं।

आगे की योजना:

पासवा का प्रतिनिधिमंडल 6 जनवरी 2025 को शिक्षा मंत्री श्री रामदास सोरेन से मिलकर प्रस्ताव प्रस्तुत करेगा और अपनी मांगों को मजबूती से रखेगा।

कार्यक्रम के समापन पर पासवा के प्रवक्ता और डीएवी सरला स्कूल के डायरेक्टर मेंहुल दूबे ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

यह सम्मेलन झारखंड में निजी विद्यालयों के हितों की रक्षा और शिक्षा के क्षेत्र में व्याप्त असमानता को दूर करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ।

 

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Author: haqeeqatnaama