रांची, 08 दिसंबर (हि.स.)। झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन मंगलवार को सदन परिसर सरकार विरोधी नारों से गूंज उठा। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायकों ने राज्य की विधि-व्यवस्था और धान के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के मुद्दे पर सरकार को जमकर घेरा।
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने सरकार पर किसानों से वादाखिलाफी का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि किसानों को 3200 रुपये प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदने का आश्वासन दिया गया था, लेकिन कैबिनेट ने केवल 2450 रुपये का एमएसपी पास किया, जो कि किसानों के साथ किया गया एक बड़ा धोखा है।
भाजपा के मुख्य सचेतक नवीन जायसवाल ने भी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि धान खरीद की दर देर से तय की गई और जो वादा किया गया था, उसे पूरा नहीं किया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि इस कारण किसानों को अपना धान औने-पौने दामों में बेचने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।
भाजपा विधायक नीरा यादव ने सरकार पर हर मोर्चे पर विफल साबित होने का आरोप लगाया। उन्होंने राज्य की खराब विधि-व्यवस्था पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि स्थिति इतनी बदतर है कि सरकारी अस्पतालों में भी चोरियां हो रही हैं, और मंत्री खुद इस बात को स्वीकार करते हुए असहज महसूस करते हैं।
सत्ता पक्ष ने किया सरकार का बचाव, वादे पूरे करने का आश्वासन
विपक्ष के लगातार हमलों के बीच सत्ता पक्ष सरकार का बचाव करता नजर आया। खिजरी विधायक राजेश कच्छप ने आश्वासन दिया कि किसानों से किए गए वादे पूरे किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि धान खरीद को लेकर एमएसपी तय करने की जो प्रक्रिया है, वह पूरी की जाएगी और इसके लिए अनुपूरक बजट में राशि का प्रावधान भी किया गया है।
कच्छप ने विपक्ष पर हमला करते हुए कहा कि भाजपा केवल जनता को भ्रमित करने का प्रयास कर रही है।




