रोजगार पर सरकार को घेरा: जयराम महतो ने पूछा- 2.87 लाख रिक्त पदों पर नियुक्ति कब होगी?

रांची, 11 दिसंबर (हि.स.)। झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन गुरुवार को झारखंड लोक क्रांतिकारी मोर्चा (जेएलकेएम) के विधायक जयराम महतो ने राज्य में व्याप्त बेरोजगारी और सरकारी नौकरियों के रिक्त पदों का मुद्दा जोर-शोर से उठाया।

रिक्तियों की समय-सीमा पर सवाल

​जयराम महतो ने गैर-संकल्प के तहत सवाल उठाया कि राज्य में 2 लाख 87 हजार रिक्त पदों की नियुक्ति प्रक्रिया कब तक पूरी होगी।

  • विभागीय जवाब पर आपत्ति: उन्होंने कहा कि वह हर बार सदन में यह सवाल उठाते हैं, लेकिन सरकार की ओर से हर बार जवाब में यह कहकर टाल दिया जाता है कि मामला विचाराधीन या प्रक्रियाधीन है। उन्होंने सरकार से रिक्तियों को पूरा करने की स्पष्ट समय-सीमा बताने की मांग की।

बेरोजगारी और पलायन का दर्द

​जयराम महतो ने रोजगार न मिलने के कारण मजदूरों के पलायन से होने वाली त्रासदी का एक मार्मिक उदाहरण पेश किया।

  • दर्दनाक उदाहरण: उन्होंने बताया कि उनके विधानसभा क्षेत्र से दूसरे देश में मजदूरी करने गए 10-12 लोगों की मौत हो गई है। उन्होंने कहा कि मजदूर केवल मजदूरी करने जाते हैं, आईएएस/आईपीएस बनने नहीं।
  • अंतिम संदेश: उन्होंने सदन को बताया कि कैसे एक मजदूर ने अपनी मौत से कुछ समय पहले अपनी पत्नी को वॉट्सऐप पर गोलीबारी की खबर सुनकर अपनी अंतिम फोटो भेजी और कहा कि शायद वह अब जिंदा न रहे। उन्होंने कहा कि यह सुनकर मृतक के घर में क्या बीत रही होगी, इसे महसूस करने की जरूरत है।
  • समिति की मांग: विधायक ने कहा कि मजदूर यह पीड़ा सिर्फ रोजगार न होने के कारण सहता है। इसलिए सरकार एक कमेटी बनाकर नियुक्ति करे, ताकि स्थानीय लोगों को राज्य में रोजगार मिल सके।

मंत्री का जवाब और विधायक की आपत्ति

  • मंत्री का रुख: कार्मिक, प्रशासनिक सुधार और राजभाषा विभाग के प्रभारी मंत्री दीपक बिरूआ ने कहा कि सरकार पूरी पारदर्शिता से नियुक्तियां कर रही है और अब तक 26 हजार नियुक्तियां की गई हैं, तथा यह दौर जारी रहेगा।
  • कोर्ट का हवाला: मंत्री ने कहा कि कोर्ट के मामले में वह टिप्पणी करना नहीं चाहेंगे, लेकिन रिक्तियों को पूरा करने के लिए सरकार गंभीर है।
  • जयराम महतो की फटकार: इस पर जयराम महतो ने कड़ा एतराज जताया और कहा कि सरकार केवल कोर्ट का हवाला देकर गोलमोल जवाब न दे। उन्होंने यह भी कहा कि निजी संस्थानों में 75 प्रतिशत रोजगार देने की बात भी पूरी नहीं हुई है। उन्होंने ठोस जवाब मांगा कि कब तक कार्रवाई होगी।

​मंत्री दीपक बिरूआ ने अंत में कहा कि सदस्य ने जो भी सूचनाएं सदन में दी हैं, सरकार ने उन्हें ग्रहण किया है और इस पर निश्चित तौर पर कार्रवाई होगी।

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Author: haqeeqatnaama