रांची, 11 दिसंबर (हि.स.)। झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन गुरुवार को प्रभारी मंत्री योगेंद्र प्रसाद ने सदन में आश्वासन दिया कि कोयला खदानों और उसके आस-पास की सड़कों पर उड़ने वाली धूलकण की समस्या को दूर करने के लिए सरकार जल्द कार्रवाई करेगी।
सरकार का प्रस्तावित कदम
मंत्री योगेंद्र प्रसाद ने कहा कि कोयला खदानों या आस-पास की सड़कों पर वाहनों के चलने से उड़ने वाली धूलकण को देखते हुए:
- पानी का छिड़काव: क्षेत्र की सड़कों पर सुबह और शाम टैंकरों से पानी का छिड़काव किया जाएगा।
- त्रिपाल अनिवार्य: कोयला ढुलाई करने वाले वाहनों को हर हाल में त्रिपाल से ढकने का निर्देश दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि इन उपायों का उद्देश्य लोगों को उड़ते धूलकण से होने वाली श्वास संबंधित बीमारियों से बचाना है।
विधायक ने उठाया था मुद्दा
मंत्री यह जवाब झामुमो के विधायक हेमलाल मुर्मू द्वारा गैर-संकल्प के तहत पूछे गए सवाल पर दे रहे थे।
- क्षेत्रीय समस्या: हेमलाल मुर्मू ने पाकुड़ जिले के अमडापाड़ा प्रखंड में कोयला खदान की धूल से पूरे क्षेत्रवासियों के प्रभावित होने का मुद्दा उठाया।
- बीमारियां: उन्होंने कहा कि स्थानीय लोग टीबी (यक्ष्मा), हृदय रोग, अस्थमा सहित अन्य श्वास से संबंधित बीमारियों से जूझ रहे हैं।
- जनजातीय चिंता: विधायक ने यह भी उल्लेख किया कि यह क्षेत्र आदिवासी बहुल है, इसलिए सरकार को कोयला खदान से होने वाले प्रदूषण को रोकने की दिशा में समुचित कदम उठाने चाहिए।
मंत्री ने सदन में आई बातों पर राज्य सरकार द्वारा आवश्यक कदम उठाने का आश्वासन दिया।



