संस्कृत व्याकरण के जनक महर्षि पाणिनि को समर्पित ‘पाणिनि उत्सव’ 14 दिसंबर को, विधायक सरयू राय करेंगे उद्घाटन

संस्कृत व्याकरण के जनक महर्षि पाणिनि के अतुलनीय योगदान को नए युग में पुनर्स्थापित करने के उद्देश्य से पाणिनि उत्सव समिति 14 दिसंबर को एक दिवसीय ‘पाणिनि उत्सव’ का आयोजन करेगी। यह कार्यक्रम पीएम श्री उत्क्रमित पीपुल्स अकादमी प्लस टू विद्यालय, न्यू बाराद्वारी स्थित कालिदास सभागार में आयोजित होगा। इस उत्सव का उद्घाटन मुख्य अतिथि के रूप में विधायक सरयू राय करेंगे।

​समिति के सचिव चंद्रदीप पांडेय, डॉ. रागिनी भूषण और राजदेव सिन्हा ने शुक्रवार को आयोजित प्रेस वार्ता में इस उत्सव की जानकारी दी।

​💡 आधुनिक युग में पाणिनि का महत्व

​चंद्रदीप पांडेय ने बताया कि महर्षि पाणिनि द्वारा रचित अष्टाध्यायी प्राचीन भारतीय भाषा विज्ञान का आधार है। इसमें 4,000 से अधिक सूत्र हैं, जो न केवल भाषा को वैज्ञानिक ढंग से व्यवस्थित करते हैं, बल्कि उस समय के समाज और संस्कृति का भी महत्वपूर्ण दस्तावेज प्रस्तुत करते हैं।

​उन्होंने कहा कि आधुनिक तकनीकी जगत में कोडिंग की अवधारणा ने अब विश्व का ध्यान भारतीय ज्ञान परंपरा की ओर आकर्षित किया है। महर्षि पाणिनि रचित माहेश्वर सूत्रों को प्रथम कोडिंग प्रणाली के रूप में भी देखा जाता है। समिति ने इसी महान विरासत को नई पीढ़ी तक पहुँचाने के उद्देश्य से पाणिनि उत्सव-2025 को समर्पित किया है।

​🎤 कार्यक्रम में विशेषज्ञ

​इस कार्यक्रम में देश के प्रमुख भाषाविद और व्याकरणाचार्य शामिल होंगे, जिनमें प्रमुख हैं:

  • ​डॉ. मित्रेश्वर अग्निमित्र
  • ​बालमुकुंद चौधरी
  • ​डॉ. शशिभूषण मिश्र
  • ​कंप्यूटर विज्ञान और व्याकरण के विशेषज्ञ डॉ. कौस्तुभ सान्याल

​कार्यक्रम में विद्वानों के संभाषण के साथ-साथ पाणिनि फाउंडेशन की निदेशक रमा पोपली की पुस्तक ‘पाणिनि पैडागोजी’ का लोकार्पण भी किया जाएगा।

haqeeqatnaama
Author: haqeeqatnaama