पलामू के सांसद विष्णु दयाल राम ने शुक्रवार को लोकसभा में गढ़वा जिले की महत्वपूर्ण सोन-कनहर पाइपलाइन सिंचाई परियोजना को जल्द पूरा कराने का मुद्दा उठाया। उन्होंने परियोजना के निर्माण में हो रहे विलंब और राज्य सरकार की उदासीनता पर चिंता व्यक्त की।
📜 परियोजना का विवरण और विलंब
सांसद राम ने सदन को बताया कि:
- स्वीकृति: केंद्र सरकार ने वर्ष 2017 में 1276 करोड़ रुपये की लागत से इस परियोजना को गढ़वा जिले की भूमि सिंचित करने के लिए स्वीकृति दी थी।
- कार्य विलंब: राज्य सरकार की उदासीनता के कारण परियोजना का निर्माण कार्य विलंब से वर्ष 2019 में एलएंडटी कंपनी ने शुरू किया।
- समय सीमा: कार्य को मूल रूप से मार्च 2022 तक पूरा करना था। विलंब के कारण कंपनी के कार्यकाल का विस्तार करते हुए अब 30 जून 2026 तक का समय दिया गया है।
सांसद ने बताया कि कुछ स्थानों पर पंप हाउस बनाने के लिए वन विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) जारी नहीं होने के कारण कंपनी अब तक कार्य पूरा नहीं कर पाई है।
💰 ₹400 करोड़ का बिल भुगतान लंबित
सांसद ने सदन को अवगत कराया कि कंपनी का लगभग 400 करोड़ रुपये का बिल भुगतान लंबित है। स्वाभाविक रूप से, भुगतान न होने के कारण कंपनी ने कार्य की गति को धीमा कर दिया है, जिसके परिणामस्वरूप सिंचाई परियोजना का लाभ जनता को नहीं मिल पा रहा है।
🏞️ 22 हजार हेक्टेयर भूमि होगी सिंचित
यह सिंचाई परियोजना गढ़वा जिले की 22 हजार हेक्टेयर भूमि को सिंचित करेगी और जिले के 20 में से 18 प्रखंडों में स्थित खेतों तक सिंचाई के लिए पानी पहुँचाया जाएगा।
सांसद विष्णु दयाल राम ने जल शक्ति मंत्रालय और वन एवं पर्यावरण मंत्रालय से माँग की है कि सोन-कनहर पाइपलाइन सिंचाई परियोजना को अविलंब पूरा किया जाए ताकि किसानों को इसका लाभ मिल सके।




