झारखंड में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने राज्य सरकार पर लूट और भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने का गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने विशेष रूप से सूचना जनसंपर्क विभाग (IPRD) और झारखंड प्रदूषण नियंत्रण परिषद (JSPCB) में व्याप्त अनियमितताओं को लेकर हेमंत सोरेन सरकार पर निशाना साधा।
मरांडी ने शुक्रवार को प्रदेश कार्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता में कहा कि इन दोनों विभागों के निदेशक और प्रदूषण नियंत्रण परिषद के सदस्य सचिव राजीव लोचन बक्शी (आईएफएस) के पिछले 5 वर्षों के कार्यकाल की उच्च स्तरीय जाँच कराई जानी चाहिए।
💰 भ्रष्टाचार और दलालों के सक्रिय होने का आरोप
बाबूलाल मरांडी ने आरोप लगाया कि दोनों विभागों में बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार व्याप्त है। उन्होंने कहा कि प्रदूषण नियंत्रण परिषद में लंबे समय से अध्यक्ष नहीं है और सूचना जनसंपर्क विभाग में सचिव नहीं है, जिससे अनियमितताएँ बढ़ी हैं।
उन्होंने दावा किया कि राजीव लोचन बक्शी के कार्यकाल में भ्रष्टाचार की कमान कांटाटोली के एक कथित दलाल ठेकेदार को दे दी गई है। मरांडी ने यह भी कहा कि हर जिले में दलाल सक्रिय हैं, जो सरकारी विज्ञापनों, होर्डिंग और अखबारों में करोड़ों रुपये के कमीशन का खेल करते हैं।
🌲 वन विभाग में भी घोटाले का दावा
बाबूलाल मरांडी ने यह भी दावा किया कि राजीव लोचन बक्शी ने पहले वन विभाग में भी एक बड़ा घोटाला किया था, जिसे जाँच के नाम पर दबा दिया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि वन विभाग का एक चर्चित रेंजर प्रिंस उनके लिए ट्रांसफर–पोस्टिंग में पैसे की वसूली करता था। मरांडी ने याद दिलाया कि कुछ दिनों पहले एक वेब पोर्टल पर पैसे के लेन-देन का वीडियो भी वायरल हुआ था, जिसे राज्य सरकार के दबाव में हटाया गया था।
मरांडी ने कहा कि राजीव लोचन बक्शी सीसीएफ रैंक के अधिकारी हैं और उन्हें हेमंत सरकार का संरक्षण प्राप्त है। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदूषण नियंत्रण परिषद में फाइलों के निष्पादन के नाम पर भी लाखों रुपये की वसूली की जाती है।
उन्होंने स्पष्ट कहा कि राजीव लोचन बक्शी हेमंत सरकार के संरक्षण में भ्रष्टाचार के प्रतीक बन चुके हैं, इसलिए इनके पाँच वर्षों के कार्यकाल की उच्च स्तरीय जाँच अनिवार्य है।
प्रेसवार्ता में प्रदेश मीडिया प्रभारी शिवपूजन पाठक और सह प्रभारी योगेंद्र प्रताप सिंह भी उपस्थित थे।




