रामगढ़, 15 दिसंबर (हि.स.)। 23वें तीर्थंकर भगवान 1008 श्री पारसनाथ जी का जन्म कल्याण महोत्सव सोमवार को रामगढ़ शहर में अपार श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया गया। मेन रोड स्थित श्री दिगंबर जैन मंदिर और रांची रोड स्थित पारसनाथ जिनालय में श्री दिगंबर जैन समाज के तत्वावधान में यह भव्य आयोजन संपन्न हुआ।
इस महोत्सव में जैन धर्म के दो तीर्थंकर— 1008 श्री चन्द्रप्रभु भगवान और उपसर्ग विजेता 1008 श्री पारसनाथ भगवान— के जन्म एवं तप कल्याणक को बहुत ही उत्साह एवं भक्तिमय तरीके से आयोजित किया गया।
✨ धार्मिक आयोजनों का शुभारंभ
महोत्सव का शुभारंभ दोनों जिनालयों में श्री जी की प्रतिमाओं का जलाभिषेक कराकर किया गया। इसके बाद विश्वशांति की भावना से प्रेरित होकर शांतिधारा की गई।
- मुख्य जलाभिषेक: स्वर्ण कलश से जलाभिषेक का मुख्य कार्यक्रम रांची रोड स्थित पारसनाथ जिनालय की मूलवेदी पर विराजित भगवान पार्श्वनाथ की प्रतिमा के समक्ष आयोजित किया गया।
🥇 सौभाग्यशाली परिवार
धार्मिक क्रियाओं के दौरान विभिन्न परिवारों को जलाभिषेक और शांतिधारा करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ:
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जिनालय |
धार्मिक क्रिया |
सौभाग्य प्राप्त परिवार |
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रांची रोड जिनालय |
जलाभिषेक |
योगेश सेटी, निशा जैन सेठी परिवार एवं राजेन्द्र जैन, राजेश चूड़ीवाल परिवार |
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शांतिधारा |
जय प्रकाश जैन, सुभाष बड़जात्या एवं पाना देवी सेठी परिवार |
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रामगढ़ जिनालय |
जलाभिषेक |
विद्याप्रकाश जैन, पद्म छाबड़ा परिवार, इन्द्रमणी देवी चूड़ीवाल, राजेन्द्र जैन, राजेश चूड़ीवाल एवं जय कुमार जैन, सुभाष बड़जात्या परिवार |
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शांतिधारा |
पुष्पा अजमेरा, शांतिलाल जैन, राकेश पांड्या परिवार एवं अजय जैन, बंटी जैन परिवार |
सभी धार्मिक आयोजन दोनों जिनालयों में पंडित राजेश शास्त्री के सान्निध्य में संपन्न हुए। धार्मिक आयोजन के बाद, पारसनाथ जिनालय में सामूहिक अल्पाहार का भी आयोजन किया गया।
🙏 दर्शन से दूर होते हैं कष्ट
समाज के सचिव योगेश सेठी ने महोत्सव की विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि “उपसर्ग विजेता भगवान पारसनाथ के दर्शन एवं अभिषेक से हमारे ऊपर आने वाले सभी उपसर्ग दूर हो जाते हैं।” उन्होंने आगे कहा कि यह समाज का सौभाग्य है कि दोनों जिनालयों में भगवान पारसनाथ की पाषाण प्रतिमाएं विराजमान हैं और समाज प्रतिदिन उनके दर्शन कर स्वयं को धन्य करता है।
🤝 कार्यक्रम में योगदान
कार्यक्रम को सफल बनाने में पद्म सेठी, राजू सेठी, नीरज सेठी, निशान्त सेठी, बबलू सेठी, संदीप सेठी, अनन्त सेठी, नितेश सेठी का महत्वपूर्ण योगदान रहा। इस दौरान जीवन पाटनी, श्याम सुंदर जैन, ललित जैन, देवेन्द्र गंगवाल, सुशील चूड़ीवाला, अरविन्द सेठी, संजय सेठी, विकास रपरिया, अशोक सेठी, उषा अजमेरा सहित समाज के कई गणमान्य सदस्य उपस्थित थे।




