15वें दिन शुरू हुई तकनीकी कार्रवाई, 14 हजार लीटर लिक्विड नाइट्रोजन का होगा इस्तेमाल
धनबाद, 16 दिसंबर (हि.स.)।
धनबाद: धनबाद के केंदुआडीह क्षेत्र में जहरीली गैस रिसाव के 15वें दिन यानी मंगलवार को प्रशासन ने राहत की दिशा में एक बड़ा तकनीकी कदम उठाया है। प्रभावित राजपूत बस्ती में पुराना जीएम बंगला के पास विधिवत रूप से बोरहोल की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इसके साथ ही भूमिगत गैस को नियंत्रित करने की तकनीकी कार्रवाई भी आरंभ हो चुकी है।
🧪 नाइट्रोजन फिलिंग से गैस पर नियंत्रण
प्रशासन के अनुसार, कोलकाता से लगभग 14 हजार लीटर लिक्विड नाइट्रोजन मंगाई गई है। इस नाइट्रोजन को बोरहोल के जरिए भूमिगत गैस के स्रोत तक पहुंचाया जाएगा, जिसका उद्देश्य गैस पर काबू पाना है।
- ड्रिलिंग कार्य: एमईसीएल (MECL) द्वारा किया जा रहा है।
- तकनीकी सहयोग: नाइट्रोजन फिलिंग और अन्य तकनीकी सहयोग धनसार माइंस रेस्क्यू स्टेशन के विशेषज्ञ उपलब्ध करा रहे हैं।
आईआईटी (आईएसएम) के प्रो. अंकुश और पीएमआरसी के पूर्व चीफ साइंटिस्ट नागेश्वर सहाय ने बताया कि नाइट्रोजन गैस डालकर कार्बन मोनोऑक्साइड के दबाव को कम कर गैस रिसाव को नियंत्रित करने की कोशिश की जा रही है।
⚠️ सुरक्षा और निगरानी
कार्य शुरू होने से पहले जिला आपदा प्रबंधन की ओर से अनाउंसमेंट कराकर लोगों से बोरहोल क्षेत्र से दूर रहने की अपील की गई। सुरक्षा के मद्देनजर पूरे इलाके को अलर्ट मोड पर रखा गया है।
- मौके पर डीजीएमएस (DGMS) और सिंफर (CIMFR) के वैज्ञानिकों की टीम लगातार निगरानी कर रही है।
- इस अभियान में आईआईटी (आईएसएम) धनबाद, सीएमपीडीआई और सिंफर सहित कई वैज्ञानिक संस्थानों की विशेषज्ञ टीमें शामिल हैं।
स्थानीय लोगों ने इसे 15 दिनों से चल रहे जन आंदोलन की सफलता बताया है। प्रभावित परिवारों को उम्मीद है कि इस तकनीकी प्रक्रिया से जल्द ही जहरीली गैस पर पूरी तरह काबू पा लिया जाएगा और हालात सामान्य होंगे। फिलहाल प्रशासन और विशेषज्ञ टीमें स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए हैं।




