रांची: झारखंड सरकार की महत्वाकांक्षी ‘आयुष्मान भारत–मुख्यमंत्री अबुआ स्वास्थ्य सुरक्षा योजना’ को धरातल पर अधिक प्रभावी बनाने के उद्देश्य से गुरुवार को नामकुम स्थित आरसीएच (RCH) कैंपस में एकदिवसीय उन्मुखीकरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में दक्षिणी छोटानागपुर प्रमंडल के पांच जिलों के सरकारी और निजी अस्पतालों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।
तकनीकी बाधाओं को दूर करने पर जोर
कार्यक्रम के दौरान स्वास्थ्य विभाग की विभिन्न योजनाओं के सफल संचालन और तकनीकी प्रक्रियाओं को मजबूत करने पर विस्तृत चर्चा हुई। झारखंड स्टेट आरोग्य सोसाइटी के जीएम प्रवीण चंद्र मिश्रा ने कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए योजनाओं की पारदर्शिता पर जोर दिया।
पोर्टल अपग्रेडेशन के लिए सख्त निर्देश
अपर कार्यकारी निदेशक सीमा सिंह ने अस्पतालों के प्रदर्शन की जिलावार समीक्षा की। उन्होंने निम्नलिखित निर्देश दिए:
- HEM पोर्टल: अस्पतालों के अपग्रेडेशन की प्रक्रिया में तेजी लाई जाए।
- TMS 2.0: सिस्टम में लंबित अपडेट्स को बिना किसी देरी के शीघ्र पूर्ण किया जाए।
- इंपैनलमेंट: नए अस्पतालों को योजना से जोड़ने की प्रक्रिया (Empanelment) को सरल और सुव्यवस्थित बनाने पर जानकारी साझा की गई।
आम जनता तक पहुँचाएं योजनाओं का लाभ
कार्यकारी निदेशक शशि प्रकाश झा ने स्वास्थ्य सेवाओं के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने उपस्थित प्रतिनिधियों और अस्पताल संचालकों से अपील की:
”स्वास्थ्य योजनाओं की जानकारी आम जनता तक पहुँचाना हमारी साझा जिम्मेदारी है। इसके साथ ही आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (ABDM) के अंतर्गत डेटा प्रबंधन को और अधिक सुदृढ़ बनाने की जरूरत है।”
विशेषज्ञों ने साझा किए सुझाव
कार्यशाला में तकनीकी बारीकियों को समझाने के लिए विशेषज्ञों की टीम ने सत्र लिए:
- श्वेता कुमारी (वरिष्ठ परामर्शी): HEM पोर्टल के संचालन की जानकारी दी।
- विश्वजीत: नाफू (NAFU) से संबंधित मामलों के समाधान पर चर्चा की।
- अंशु कुमार सिंह: स्वास्थ्य बीमा योजना और अस्पताल सूचीकरण की प्रक्रिया समझाई।
प्रमुख बिंदु एक नज़र में:
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विषय |
विवरण |
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आयोजन स्थल |
RCH कैंपस, नामकुम (रांची) |
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मुख्य योजना |
मुख्यमंत्री अबुआ स्वास्थ्य सुरक्षा योजना |
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प्रमंडल |
दक्षिणी छोटानागपुर (5 जिले) |
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फोकस |
HEM पोर्टल, TMS 2.0 और एबीडीएम कार्यक्रम |




