रांची (धुर्वा): ‘मदर ऑफ ऑल इंडस्ट्रीज’ कही जाने वाली हेवी इंजीनियरिंग कॉरपोरेशन (HEC) की बदहाली और श्रमिकों के बकाया वेतन व अन्य मांगों को लेकर स्थिति विस्फोटक हो गई है। गुरुवार को धुर्वा में एचईसी की छह प्रमुख श्रमिक यूनियनों ने एक महत्वपूर्ण संयुक्त बैठक की, जिसमें प्रबंधन की ‘मनमानी’ के खिलाफ आर-पार की लड़ाई का निर्णय लिया गया।
‘एचईसी संयुक्त मोर्चा’ का गठन
बैठक में सभी छह यूनियनों ने आपसी मतभेद भुलाकर एक मंच पर आने का फैसला किया और ‘एचईसी संयुक्त मोर्चा’ का गठन किया। इस मोर्चे के माध्यम से अब चरणबद्ध तरीके से आंदोलन की रूपरेखा तय की जाएगी। यूनियनों का कहना है कि अब अत्याचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
वेतन पर्ची से लेकर बीमा तक, समस्याओं की लंबी फेहरिस्त
बैठक में वक्ताओं ने भेल (BHEL) से आए निदेशकों और एचईसी प्रबंधन पर कई गंभीर आरोप लगाए:
- वेतन पर्ची पर रोक: जनवरी 2024 से बिना किसी कारण के कर्मचारियों की वेतन पर्ची (Salary Slips) लंबित रखी गई है।
- पीएफ और एलआईसी का मुद्दा: कर्मचारियों के वेतन से पीएफ अंशदान काटा जा रहा है लेकिन उसे जमा नहीं किया जा रहा। साथ ही एलआईसी प्रीमियम जमा न होने से कर्मचारियों के परिवारों को बीमा लाभ नहीं मिल पा रहा है।
- वादाखिलाफी: निदेशकों ने सुविधाओं की बहाली और वेतन भुगतान का आश्वासन दिया था, लेकिन महीनों बीतने के बाद भी स्थिति जस की तस है।
“निदेशकों की मनमानी नहीं चलेगी”
यूनियन नेताओं ने तीखे लहजे में कहा कि भेल से पदस्थापित निदेशक कर्मचारियों की जरूरी मांगों में कटौती कर रहे हैं और अपनी मनमानी थोप रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि जल्द ही सभी यूनियन प्रतिनिधि एक साथ मिलकर निदेशकों के सामने अपनी बात रखेंगे और यदि समाधान नहीं निकला, तो काम पूरी तरह ठप कर दिया जाएगा।
बैठक में शामिल प्रमुख नेता:
- रमाशंकर प्रसाद: महामंत्री, एचईसी मजदूर संघ (BMS)
- आरके शाही: प्रभारी महासचिव, हटिया कामगार यूनियन (AITUC)
- बिमल महली: सचिव, हटिया लोकमंच
- प्रकाश कुमार: महामंत्री, एचईसी श्रमिक कर्मचारी यूनियन
प्रमुख मांगें एक नजर में:
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मुद्दा |
वर्तमान स्थिति |
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वेतन पर्ची |
जनवरी 2024 से लंबित |
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पीएफ/एलआईसी |
कटौती के बावजूद भुगतान नहीं, बीमा लाभ बंद |
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प्रबंधन |
भेल निदेशकों द्वारा वादों की अनदेखी |
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अगला कदम |
संयुक्त मोर्चा के तहत उग्र आंदोलन |




