पलामू, 19 दिसंबर। कड़ाके की ठंड के बीच पलामू जिले के हुसैनाबाद से एक बेहद दुखद खबर सामने आई है। यहाँ फुलडीहा गांव में एक ही परिवार के तीन लोग बंद कमरे में ‘बोरसी’ (अंगीठी) जलाकर सो रहे थे, लेकिन रात भर में कमरे में फैले जहरीले धुएं ने हंसते-खेलते परिवार को मातम में बदल दिया। इस हादसे में 70 वर्षीय नानी और उनकी 15 वर्षीय नातिन की दर्दनाक मौत हो गई।
बंद कमरे में काल बना धुआं
मिली जानकारी के अनुसार, सुनहरा उर्फ मुरैना देवी अपनी बेटी किरण देवी के घर फुलडीहा आई हुई थीं। गुरुवार की रात हाड़ कंपाने वाली ठंड से बचने के लिए मां, बेटी और नातिन ने कमरे के अंदर बोरसी जलाई और ठंड से राहत पाने के लिए दरवाजा और खिड़कियां बंद कर लीं।
बंद कमरे में ऑक्सीजन की कमी और कार्बन मोनोऑक्साइड के कारण तीनों बेहोश हो गए। सुबह जब परिजनों ने उन्हें अचेत अवस्था में देखा, तो आनन-फानन में उन्हें अनुमंडलीय अस्पताल हुसैनाबाद पहुँचाया गया।
बीएसएफ जवान के परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़
अस्पताल के चिकित्सक डॉ. पीएन सिंह ने सुनहरा देवी (70) और उनकी नातिन माया कुमारी (15) को मृत घोषित कर दिया। वहीं, किरण देवी (40) की हालत गंभीर बनी हुई है। प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें बेहतर इलाज के लिए मेदिनीनगर रेफर कर दिया गया है। किरण देवी के पति बीएसएफ (BSF) में तैनात हैं और देश की सीमा पर सेवा दे रहे हैं।
गांव में सन्नाटा, पुलिस की जांच शुरू
इस हादसे के बाद पूरे फुलडीहा गांव में मातम पसरा हुआ है। हुसैनाबाद थाना प्रभारी सोनू कुमार चौधरी ने बताया कि प्रथम दृष्टया यह मामला धुएं से दम घुटने (Asphyxiation) का लग रहा है। पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और मामले की छानबीन कर रही है।
जरूरी सावधानी: मौत को न दें बुलावा
स्वास्थ्य विशेषज्ञों और प्रशासन ने अपील की है कि:
- सोते समय बंद कमरे में कभी भी कोयला या लकड़ी की अंगीठी (बोरसी) न जलाएं।
- यदि अंगीठी जलानी भी हो, तो कमरे में वेंटिलेशन का ध्यान रखें और सोने से पहले उसे बाहर निकाल दें।
- बंद कमरे में हीटर या अंगीठी के धुएं से निकलने वाली कार्बन मोनोऑक्साइड गैस साइलेंट किलर साबित होती है।




