रांची | 20 दिसंबर, 2025 झारखंड में एमबीबीएस (MBBS) नामांकन प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी का मामला गरमा गया है। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को एक कड़ा पत्र लिखकर शैक्षणिक सत्र 2025-26 के नामांकन में हुई अनियमितताओं की शिकायत की है। मरांडी ने वर्तमान नामांकन प्रक्रिया को तत्काल प्रभाव से रद्द करने और पूरे मामले की सीबीआई (CBI) जांच कराने की मांग की है।
फर्जी प्रमाणपत्रों का खेल: बाहरियों को मिली सीट
मरांडी ने अपने पत्र में खुलासा किया है कि आईएएस अबु इमरान की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय जांच समिति की रिपोर्ट में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। रिपोर्ट के अनुसार, कई अभ्यर्थियों ने फर्जी जाति और निवास प्रमाणपत्रों के आधार पर झारखंड के मेडिकल कॉलेजों में सीटें हासिल की हैं।
प्रमुख गड़बड़ियां:
फर्जी दस्तावेज: सुचारिता दास और काजल भिवानी समेत कई अभ्यर्थियों के प्रमाणपत्र गलत पाए गए।
बाहरी राज्यों का दखल: आशीष कुमार (बिहार) और भाविनी (दिल्ली) जैसे अभ्यर्थियों ने गोड्डा और गिरिडीह के उपायुक्त कार्यालयों से कथित तौर पर फर्जी तरीके से निर्गत प्रमाणपत्रों का उपयोग किया।
स्थानीय नीति का उल्लंघन: 1985 के बाद के झारखंड निवासी नियमों को दरकिनार कर राज्य से बाहर के रहने वाले 6 अन्य अभ्यर्थियों को सीटें आवंटित कर दी गईं।
JCECEB पर मिलीभगत के आरोप
मरांडी ने झारखंड संयुक्त प्रवेश प्रतियोगिता परीक्षा परिषद (JCECEB) की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि:
परिषद ने डेटा शेयरिंग किए बिना जानबूझकर गड़बड़ियां कीं।
काउंसलिंग प्रक्रिया को नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) से लिंक नहीं किया गया।
MCC गाइडलाइन के क्लॉज 9 और 11 की स्पष्ट रूप से अनदेखी की गई।
“यह मेधावी छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है। जेसीइसीइबी ने जानबूझकर गड़बड़ियां करने के उद्देश्य से डेटा साझा नहीं किया और फर्जी प्रमाणपत्र वाले अभ्यर्थियों को सीटें आवंटित कीं।” — बाबूलाल मरांडी, नेता प्रतिपक्ष
मुख्य मांगें
नेता प्रतिपक्ष ने मुख्यमंत्री से निम्नलिखित बिंदुओं पर तत्काल कार्रवाई का आग्रह किया है:
काउंसलिंग: पूरी नामांकन प्रक्रिया को रद्द कर नए सिरे से पारदर्शी काउंसलिंग कराई जाए।
बर्खास्तगी: इस घोटाले में संलिप्त अधिकारियों और दोषियों को तुरंत सेवा से बर्खास्त किया जाए।
CBI जांच: गड़बड़ी के व्यापक जाल को देखते हुए इसकी जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो को सौंपी जाए।
मरांडी ने चेतावनी दी कि यदि दोषियों को दंडित नहीं किया गया, तो भविष्य में राज्य की साख और छात्रों का विश्वास पूरी तरह डगमगा जाएगा।



