जमशेदपुर, 24 दिसंबर। बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हो रहे निरंतर हमलों और हाल ही में हिंदू युवक दिपूचंद्र दास को जिंदा जलाकर मार डालने की नृशंस घटना के खिलाफ बुधवार को जमशेदपुर की सड़कों पर भारी जनसैलाब उमड़ा। विश्व हिंदू परिषद (विहिप) और बजरंग दल के नेतृत्व में निकाले गए इस आक्रोश मार्च में लोगों ने बांग्लादेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और अंतरराष्ट्रीय हस्तक्षेप की मांग की।
श्रद्धांजलि सभा से शुरू हुआ प्रदर्शन
विरोध प्रदर्शन का आगाज़ जुबली पार्क गेट के समीप आयोजित एक भावपूर्ण श्रद्धांजलि सभा से हुआ। यहाँ प्रदर्शनकारियों ने दिपूचंद्र दास के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें नमन किया। इसके पश्चात, यह सभा एक विशाल आक्रोश मार्च में तब्दील हो गई, जो साकची गोलचक्कर की ओर बढ़ी। इस मार्च में भाजपा के कार्यकर्ताओं सहित विभिन्न हिंदू संगठनों के पदाधिकारी और स्थानीय नागरिक बड़ी संख्या में शामिल हुए।
पुतला दहन और कूटनीतिक हस्तक्षेप की मांग
साकची गोलचक्कर पर प्रदर्शनकारियों ने अपना विरोध दर्ज कराते हुए बांग्लादेश की प्रधानमंत्री का पुतला फूंका। इस दौरान विहिप के जिला अध्यक्ष अजय गुप्ता ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा:
”बांग्लादेश में जिस तरह से हिंदू समुदाय को सुनियोजित तरीके से निशाना बनाया जा रहा है, वह पूरी मानवता के लिए शर्मनाक है। हम भारत सरकार और विशेषकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मांग करते हैं कि वे अंतरराष्ट्रीय और कूटनीतिक स्तर पर इस मुद्दे को उठाएं ताकि वहां रह रहे अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।”
सुरक्षा के कड़े इंतजाम, यातायात रहा प्रभावित
प्रदर्शन के कारण साकची और आसपास के क्षेत्रों में कुछ समय के लिए यातायात बाधित हुआ। हालांकि, प्रशासन पहले से ही अलर्ट पर था। किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए साकची गोलचक्कर और मार्च के पूरे मार्ग पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था।
आंदोलन तेज करने की चेतावनी
मार्च में शामिल वक्ताओं ने दो टूक शब्दों में कहा कि बांग्लादेश सरकार हिंदुओं को सुरक्षा देने में पूरी तरह विफल रही है। प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी कि यदि इन अत्याचारों और हत्याओं पर तत्काल लगाम नहीं लगाई गई, तो यह आंदोलन केवल जमशेदपुर तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि देशभर में इसे और उग्र रूप दिया जाएगा।






