रांची, 24 दिसंबर। धुर्वा स्थित एचईसी (HEC) मुख्यालय में बुधवार को एचईसी संयुक्त मोर्चा की एक महत्वपूर्ण बैठक संपन्न हुई। इस बैठक का मुख्य एजेंडा कर्मचारियों के लंबे समय से लंबित वेतन और प्रबंधन की उदासीनता रहा। संयुक्त मोर्चा ने स्पष्ट कर दिया है कि यदि जल्द ही वेतन भुगतान सुनिश्चित नहीं किया गया, तो कर्मचारी सड़कों पर उतरने को मजबूर होंगे।
मैनेजमेंट के खिलाफ एकजुट हुईं 6 यूनियनें
बैठक में एचईसी की छह प्रमुख यूनियनों ने हिस्सा लिया और प्रबंधन के ढुलमुल रवैये की कड़ी निंदा की। यूनियनों का कहना है कि वेतन में लगातार हो रही देरी ने कर्मचारियों की कमर तोड़ दी है और उनके परिवारों के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है।
“कर्मचारियों को उम्मीद थी कि 25 दिसंबर (क्रिसमस) से पहले उनके बकाये वेतन का भुगतान हो जाएगा, लेकिन प्रबंधन की चुप्पी ने आक्रोश को और बढ़ा दिया है।”
— प्रकाश कुमार, महामंत्री, एचईसी लिमिटेड श्रमिक कर्मचारी यूनियन
आंदोलन की आगामी रणनीति
बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि हक की लड़ाई को अब और तेज किया जाएगा। इसके लिए निम्नलिखित कदम उठाए जाएंगे:
- संयुक्त वार्ता: जल्द ही एचईसी के चारों निदेशकों (Directors) के साथ मोर्चा आमने-सामने की वार्ता करेगा।
- औपचारिक शिकायत: वेतन भुगतान में हो रही देरी को लेकर श्रम आयुक्त (धनबाद), एचईसी सीएमडी और भारी उद्योग मंत्रालय को लिखित शिकायत भेजी जाएगी।
- चेतावनी: यदि वार्ता और पत्रों के माध्यम से समाधान नहीं निकलता है, तो मोर्चा बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन और कार्य बहिष्कार की रणनीति अपनाएगा।
बैठक में शामिल मुख्य पदाधिकारी
इस रणनीतिक बैठक में श्रमिक संगठनों के दिग्गज नेता शामिल थे:
- प्रकाश कुमार (महामंत्री, एचईसी लिमिटेड श्रमिक कर्मचारी यूनियन)
- शनि सिंह (अध्यक्ष, एचईसी श्रमिक संघ)
- रामा शंकर प्रसाद (महामंत्री, एचईसी मजदूर संघ)
- एस.जे. मुखर्जी (महामंत्री, जनता मजदूर यूनियन)
- आर.के. शाही (महामंत्री, हटिया कामगार यूनियन)
- विमल महली (सचिव, हटिया लोकमंच यूनियन)
निष्कर्ष
एचईसी, जिसे कभी ‘मदर ऑफ ऑल इंडस्ट्रीज’ कहा जाता था, आज अपने अस्तित्व और कर्मचारियों के वेतन के लिए संघर्ष कर रहा है। संयुक्त मोर्चा की यह बैठक आने वाले दिनों में रांची में एक बड़े औद्योगिक आंदोलन का संकेत दे रही है।




