अंबाजी, 09 दिसंबर (हि.स.)। गुजरात के अंबाजी में अब आदिवासी बालिकाएँ संगीत के माध्यम से आत्मनिर्भरता की नई राह पर चल पड़ी हैं। श्री शक्ति सेवा केंद्र, अंबाजी ने अनूठी पहल करते हुए राज्य का पहला पूर्ण आदिवासी बालिका बैग पाइपर बैंड तैयार किया है, जिसका शुभारंभ राज्य के वन मंत्री प्रवीणभाई माली और विधायक अनिकेत ठाकोर के हाथों हुआ।
यह बैंड ‘भीख नहीं बल्कि पढ़ने जाएं’ के संकल्प को साकार करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। श्री शक्ति सेवा केंद्र पिछले पाँच वर्षों से शिक्षा और महिला सशक्तीकरण का संदेश फैलाने का कार्य कर रहा है, जिसके तहत गब्बर क्षेत्र में भिक्षावृत्ति करने वाले बच्चों को मुख्यधारा की शिक्षा से जोड़ा गया है।
150 बालिकाओं को गोद लेकर दिया गया विशेष प्रशिक्षण
संस्था ने लगभग 150 आदिवासी बालिकाओं को दत्तक (गोद) लेकर उन्हें बैग पाइपर बैंड का विशेष प्रशिक्षण दिलाया। लगातार 15 वर्षों की मेहनत और प्रेरणा से तैयार किए गए इस बैंड के निर्माण को शिक्षा और नारी सशक्तीकरण का एक मजबूत संदेश माना जा रहा है।
संस्थापक उषाबेन अग्रवाल ने बताया कि इस बैंड में शामिल सभी बालिकाएँ पहले गब्बर क्षेत्र में भिक्षावृत्ति करती थीं। संस्था के प्रयासों से इनके जीवन में एक बड़ा परिवर्तन आया है। इस बैंड का मुख्य उद्देश्य आदिवासी बालिकाओं को सशक्त करना, उनका आत्मविश्वास बढ़ाना और उनकी प्रतिभा को बड़े मंच तक पहुँचाना है।
प्रतियोगिताओं में मिली शानदार सफलता
यह बैंड अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा चुका है। बैंड की बालिकाओं ने जिला स्तरीय प्रतियोगिता में प्रथम स्थान हासिल किया है, जबकि उत्तर गुजरात ज़ोन की सात जिलों की 11 टीमों के बीच हुई प्रतियोगिता में द्वितीय स्थान प्राप्त करते हुए चैंपियन बनी हैं।
- यह पूरे राज्य में अपनी तरह का पहला बालिका बैग पाइपर बैंड है, जिसमें कुल 50 बालिकाएँ शामिल हैं।
- बालिकाएँ ब्यूगल बैग, पाइपर, सैक्सोफोन और ड्रम सेट जैसे वाद्ययंत्रों पर अपनी प्रतिभा निखार रही हैं।
भविष्य में पुलिस और सेना बैंड में शामिल होने की संभावना
संस्था का लक्ष्य है कि भविष्य में ये बालिकाएँ न केवल पुलिस और सेना के बैंड में शामिल हो सकें, बल्कि निजी संस्थाओं के कार्यक्रमों में प्रस्तुति देकर आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर भी बन सकें। श्री शक्ति सेवा केंद्र, अंबाजी अपने इस कार्य से पूरे क्षेत्र के लिए प्रेरणा स्रोत बन गया है।




