रांची, 11 दिसंबर (हि.स.)। झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन गुरुवार को सदन में एक बार फिर बालू (रेत) की उपलब्धता और नीलामी का मुद्दा गरमाया रहा।
सरकार का जवाब: ₹100 प्रति ट्रैक्टर की व्यवस्था
विधायक सत्येंद्र नाथ तिवारी के गैर-संकल्प सवालों का जवाब देते हुए प्रभारी मंत्री योगेंद्र प्रसाद ने कहा कि राज्य सरकार बालू की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए काम कर रही है।
- सफल नीलामी: उन्होंने बताया कि 374 बालू घाटों की नीलामी हो चुकी है।
- सस्ती दर पर आपूर्ति: मंत्री ने कहा कि इन घाटों से स्थानीय स्तर के लोग ‘अबुआ आवास’ सहित अपने निजी कार्यों के लिए ₹100 प्रति ट्रैक्टर की दर से बालू ले जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने इसी सोच के साथ काम किया है।
- विपक्ष पर निशाना: मंत्री ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि “जहां से विपक्ष सोचना बंद करती है, वहीं से सरकार सोचना शुरु करती है।”
लंबित नीलामी और न्यायालय का हस्तक्षेप
मंत्री ने विधायक सत्येंद्र नाथ तिवारी द्वारा उठाए गए 444 चिन्हित बालू घाटों की लंबित नीलामी के मुद्दे पर स्पष्टीकरण दिया।
- बाधा: उन्होंने कहा कि इन घाटों की नीलामी का मामला पेसा कानून (PESA Act) लागू नहीं होने के कारण रुका हुआ है और इस पर उच्च न्यायालय की ओर से रोक लगाई गई है।
- समय-सीमा: मंत्री ने सदन को आश्वस्त किया कि उच्च न्यायालय की ओर से आदेश मिलते ही, राज्य सरकार 10 से 15 दिनों के भीतर बचे हुए 444 चिन्हित बालू घाटों की नीलामी प्रक्रिया पूरी कर देगी।
विधायक की मांग
इससे पहले, सत्येंद्र नाथ तिवारी ने गैर-सरकारी संकल्प के तहत सदन में पिछले छह वर्षों से राज्य के लगभग 444 चिन्हित बालू घाटों की नीलामी का टेंडर नहीं होने के कारण जिम्मेदार पदाधिकारियों पर कार्रवाई करने और इन सभी बालू घाटों की नीलामी टेंडर करने की मांग की थी।
उन्होंने कहा कि सत्ता पक्ष ₹100 प्रति ट्रैक्टर बालू मिलने की बातें कहता है, लेकिन जिन घाटों का टेंडर अब तक नहीं हुआ है और जहां पर अनियमितताएं हो रही हैं, उस पर सरकार को स्पष्ट जवाब देना चाहिए।



