आकांक्षी जिला कार्यक्रम की समीक्षा: केंद्रीय प्रभारी ने पूर्वी सिंहभूम की प्रगति का आकलन किया, जमीनी क्रियान्वयन पर जोर

पूर्वी सिंहभूम, 11 दिसंबर (हि.स.)। पूर्वी सिंहभूम जिले में गुरुवार को आकांक्षी जिला कार्यक्रम की महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक का आयोजन समाहरणालय सभागार में किया गया। इस बैठक की अध्यक्षता आकांक्षी जिला के केंद्रीय प्रभारी सह संयुक्त सचिव, भारत सरकार महावीर प्रसाद ने की।

​यह बैठक महावीर प्रसाद के तीन दिवसीय दौरे के पहले दिन आयोजित की गई। इसमें जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया, जिनमें उप विकास आयुक्त नागेन्द्र पासवान, अपर उपायुक्त भगीरथ प्रसाद, निदेशक एनईपी संतोष गर्ग, एडीएम एसओआर राहुल आनंद सहित विभिन्न विभागों के पदाधिकारी उपस्थित रहे।

सूचकांकों पर प्रगति का आकलन

​बैठक में जिले के प्रमुख सूचकांकों (इंडिकेटर्स) के क्षेत्र में प्रगति का विस्तृत आकलन किया गया। इसमें शामिल थे:

  • स्वास्थ्य और पोषण
  • शिक्षा
  • कृषि और जल संसाधन
  • वित्तीय समावेशन
  • कौशल विकास
  • बुनियादी ढांचा

​पदाधिकारियों ने विभागवार प्रस्तुतियों के माध्यम से जिले में चल रहे कार्यक्रमों की जानकारी साझा की। महावीर प्रसाद ने प्रस्तुत आंकड़ों और योजनाओं के कार्यान्वयन को ध्यानपूर्वक देखा और कई आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

जिला प्रशासन की नवोन्मेषी पहलें

​बैठक के दौरान जिला प्रशासन द्वारा चलाई जा रही कई अभिनव पहलों (Innovative Initiatives) को साझा किया गया:

  • सबर समुदाय सर्वेक्षण: सबर समुदाय का विस्तृत ग्राउंड सर्वेक्षण किया गया, जिसमें समुदाय की सामाजिक-आर्थिक स्थिति, सरकारी योजनाओं का आच्छादन और जीवन स्तर में सुधार के लिए किए गए प्रयासों की जानकारी दी गई।
  • मिशन उल्लास: मिर्गी रोगियों की मुफ्त जांच, परामर्श और दवा वितरण की व्यवस्था की गई है।
  • सिकुई-दिकुई अभियान: स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने और छात्रों के ड्रॉप आउट को कम करने के प्रयासों को साझा किया गया।

केंद्रीय प्रभारी का निर्देश

​महावीर प्रसाद ने जिला प्रशासन की पहलों और प्रशासनिक नवाचार को सकारात्मक दिशा में बताया और उनकी सराहना की। उन्होंने पदाधिकारियों से आग्रह किया:

  • संवेदनशीलता: संवेदनशीलता और जन-सेवा की भावना के साथ काम करें।
  • जिम्मेदारी: योजनाओं की जानकारी लाभुकों तक पूरी जिम्मेदारी और आत्मीयता के साथ पहुंचाएं।
  • प्रभावी क्रियान्वयन: जमीनी स्तर पर सक्रिय प्रयास करें, क्योंकि योजनाओं का प्रभाव तभी मापनीय होगा जब उन्हें धरातल पर प्रभावी रूप से लागू किया जाएगा।
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Author: haqeeqatnaama