प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम ने धनबाद में कोयला के अवैध कारोबार और उससे जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जाँच को तेज करते हुए शुक्रवार को कई प्रमुख कोयला कारोबारियों के ठिकानों पर बड़ी छापेमारी की है।
ईडी ने धनसार स्थित कोयला आउटसोर्सिंग कंपनी डेको (DECO) के संचालक मनोज अग्रवाल और कंपनी के निदेशक ए.एन. झा के आवास सहित कई अन्य ठिकानों पर दस्तावेजों और रिकॉर्ड की गहन जाँच शुरू कर दी है।
🔍 इन कारोबारियों के ठिकानों पर तलाशी
ईडी की टीम ने मनोज अग्रवाल के अलावा सुधीर चौटाला और इंद्रराज भदौरिया के ठिकानों पर भी तलाशी अभियान तेज कर दिया है। मनोज अग्रवाल डेको आउटसोर्सिंग कंपनी के संचालक होने के साथ-साथ बड़े पैमाने पर कोयला परिवहन (Coal Transportation) के कार्य से भी जुड़े हुए हैं। ईडी की यह कार्रवाई कोयला के अवैध कारोबार के सिंडिकेट को तोड़ने की व्यापक जाँच का हिस्सा मानी जा रही है।
🔄 पिछली छापेमारी से मिले थे अहम सबूत
यह कार्रवाई 21 नवंबर को हुई पिछली छापेमारी की कड़ी है, जब ईडी ने कोयला कारोबारी दीपक पोद्दार सहित कई अन्य कारोबारियों के आवास और कार्यालयों पर छापा मारा था। उस दौरान कोलकाता ईडी की टीम भी शामिल थी, जो पश्चिम बंगाल के ठिकानों पर कार्रवाई कर रही थी।
पिछली छापेमारी में ईडी को कई करोड़ रुपये की नकदी, महत्वपूर्ण दस्तावेज़ और चल-अचल संपत्तियों के अहम सबूत मिले थे।
🚛 झारखंड-बंगाल के सबसे बड़े ट्रांसपोर्टर भी जाँच के दायरे में
जाँच के दौरान मिले सबूतों और तथ्यों के आधार पर ईडी को पता चला कि कोयला के अवैध कारोबार में इंद्रराज भदौरिया, सुधीर चौटाला और मनोज अग्रवाल की भी संदिग्ध भूमिका है। इसी जानकारी के आधार पर एजेंसी ने इन कारोबारियों के खिलाफ कार्रवाई और तेज कर दी है।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, इंद्रराज भदौरिया को झारखंड और पश्चिम बंगाल के सबसे बड़े कोयला ट्रांसपोर्टरों में से एक माना जाता है। उनकी कंपनी दोनों राज्यों से देश भर की विभिन्न पावर कंपनियों तक कोयला सप्लाई करती है और उनके नेटवर्क से कई अन्य कोयला ट्रांसपोर्टर भी जुड़े हुए हैं।



