धनबाद, 19 दिसंबर। धनबाद जिले के टुंडी प्रखंड में जंगली हाथियों के उत्पात ने ग्रामीणों की रातों की नींद उड़ा दी है। गिरिडीह से आए हाथियों के एक दल ने गुरुवार देर रात रिहायशी इलाके में जमकर तबाही मचाई। इस दौरान एक गरीब परिवार का घर उजाड़ दिया और साल भर की मेहनत से उगाई गई धान की फसल को चट कर गए।

मौत को करीब से देख सहम गया परिवार
घटना पश्चिमी टुंडी प्रखंड के दलुगोड़ा गांव की है। ग्रामीणों के अनुसार, पांच हाथियों का एक झुंड (जिसमें एक बच्चा हाथी भी शामिल है) गिरिडीह के पीरटांड़ इलाके से होते हुए गांव में घुसा। आधी रात को हाथियों ने रामलाल मुर्मू के घर पर हमला बोल दिया।
हाथियों ने न केवल घर की दीवारें ढहा दीं, बल्कि अंदर रखा सारा अनाज (धान) खा लिया और बाकी सामान तहस-नहस कर दिया। जिस वक्त यह हमला हुआ, रामलाल मुर्मू काम के सिलसिले में बाहर थे। घर के भीतर उनकी पत्नी चंदोली मुर्मू और उनकी तीन बेटियां—संजोती, सेवान्ती और समिता—गहरी नींद में थीं। दीवार टूटने की आवाज सुनकर सभी की आंखें खुलीं और उन्होंने भागकर अपनी जान बचाई।
मशालचियों ने खदेड़ा, पर दहशत बरकरार
हाथियों के हमले की सूचना मिलते ही गांव में हड़कंप मच गया। स्थानीय मशालचियों की टीम तुरंत मौके पर पहुंची। मशालों और शोर-शराबे की मदद से काफी मशक्कत के बाद हाथियों को गांव से खदेड़कर चीना पहाड़ी की ओर भेजा गया। हालांकि, ग्रामीण अब भी दहशत में हैं कि हाथी फिर से हमला कर सकते हैं।
मुआवजे और तत्काल राहत की मांग
शुक्रवार सुबह भाजपा के टुंडी मंडल अध्यक्ष गोविन्द टुडू पीड़ित परिवार के पास पहुंचे। उन्होंने परिवार का हाल जाना और वन विभाग के अधिकारियों से फोन पर बात कर मुआवजे की मांग की।
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- प्रमुख मांगें:
- क्षतिग्रस्त घर के लिए तुरंत आर्थिक सहायता।
- नष्ट हुई फसल का उचित मुआवजा।
- पीड़ित परिवार को तत्काल राशन और कड़कड़ाती ठंड से बचने के लिए गर्म कपड़े।
- प्रमुख मांगें:
“यह बेहद डरावना मंजर था। गरीब परिवार का सब कुछ खत्म हो गया है। प्रशासन को चाहिए कि हाथियों के मूवमेंट पर नजर रखे और पीड़ित परिवार को बिना देरी किए सहायता प्रदान करे।” — गोविन्द टुडू, मंडल अध्यक्ष, भाजपा




