जमशेदपुर (पूर्वी सिंहभूम), 19 दिसंबर। मानवता को शर्मसार करने वाला एक मामला बिरसानगर थाना क्षेत्र से सामने आया है। यहां एक आदिवासी विधवा महिला, जो तीसरे स्टेज के कैंसर (Third Stage Cancer) से जूझ रही है, ने दबंगों पर उसके घर पर अवैध कब्जे और मारपीट कर बाहर निकालने का गंभीर आरोप लगाया है। न्याय की आस में भटक रही पीड़िता ने चेतावनी दी है कि यदि उसे घर वापस नहीं मिला, तो वह आत्महत्या करने को विवश होगी।
इलाज के लिए हैदराबाद गई थी, पीछे से घर पर हुआ कब्जा
पीड़िता निरूपा राय कारुवा (ब्लॉक संख्या–3बी, बिरसानगर) ने बताया कि वह पिछले दो सालों से कैंसर से पीड़ित हैं। जब वह अपने 12 वर्षीय बेटे के साथ इलाज के लिए हैदराबाद गई हुई थीं, इसी का फायदा उठाकर चाईबासा निवासी राजा करुवा और उसके साथियों ने 27 अक्टूबर 2025 को उनके घर पर जबरन कब्जा कर लिया। आरोप है कि जब महिला वापस आई, तो उसके साथ मारपीट की गई और घर में ताला जड़ दिया गया।
दवाइयां और बच्चे की किताबें भी छीनीं
महिला की स्थिति और भी दयनीय इसलिए है क्योंकि दबंगों ने घर के साथ-साथ उनका सारा जरूरी सामान भी अपने कब्जे में ले लिया है। इसमें शामिल हैं:
- कैंसर की दवाइयां और मेडिकल रिपोर्ट: जिसके बिना उनका इलाज रुका हुआ है।
- बच्चे की किताबें: 12 साल के मासूम की पढ़ाई बाधित हो गई है।
- आजीविका का साधन: घर में मौजूद दो जर्सी गाय और बछड़े भी छीन लिए गए हैं, जिनका दूध बेचकर महिला अपना घर चलाती थी।
मंदिर की शरण और प्रशासन से गुहार
कड़कड़ाती ठंड के इस मौसम में कैंसर पीड़ित महिला अपने नाबालिग बेटे के साथ मंदिर में रातें गुजारने को मजबूर है। शुक्रवार को भूमि सुधार उपसमाहर्ता (LRDC) को सौंपे गए आवेदन में पीड़िता ने रोते हुए अपनी आपबीती सुनाई। उन्होंने बताया कि ‘आदिवासी हो समाज’ ने भी मध्यस्थता की कोशिश की, लेकिन आरोपी किसी की बात सुनने को तैयार नहीं हैं।
न्याय न मिला तो खुदकुशी की चेतावनी
पीड़िता ने जिला प्रशासन से भावुक अपील करते हुए कहा कि उसे उसका घर और पशु वापस दिलाए जाएं ताकि वह अपना इलाज दोबारा शुरू कर सके। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि एक ओर कैंसर की मार और दूसरी ओर अपनों का दिया यह दर्द अब बर्दाश्त से बाहर है, अगर प्रशासन ने मदद नहीं की तो उनके पास जीवन समाप्त करने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचेगा।




