रांची, 23 दिसंबर। राजधानी रांची समेत पूरा झारखंड इन दिनों घने कोहरे की सफेद चादर में लिपटा हुआ है। इस प्राकृतिक बाधा का सबसे गंभीर असर हवाई सेवाओं पर पड़ा है। बिरसा मुंडा एयरपोर्ट पर दृश्यता (Visibility) कम होने के कारण बुधवार को हवाई यातायात पूरी तरह चरमरा गया। सुरक्षा मानकों को ध्यान में रखते हुए अधिकारियों ने 7 प्रमुख उड़ानों को रद्द कर दिया, जबकि कई अन्य विमान घंटों की देरी से उड़ान भर सके।
रनवे पर ‘शून्य’ के करीब दृश्यता, घंटों फंसी रहीं उड़ानें
कोहरे का असर इतना गहरा था कि रनवे पर विमानों की सुरक्षित लैंडिंग और टेक-ऑफ के लिए आवश्यक न्यूनतम दृश्यता भी उपलब्ध नहीं थी। एयरपोर्ट सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार:
- कोलकाता-रांची (6E 7561): सुबह 7:10 के स्थान पर 9:40 बजे पहुंची।
- पुणे-रांची (6E 6484): सुबह 8:25 की जगह 10:25 बजे लैंड हुई।
- रांची-बेंगलुरु (6E 6799): अपने निर्धारित समय से 2 घंटे की देरी से, सुबह 10:55 बजे रवाना हुई।
- हैदराबाद रूट: हैदराबाद से आने वाली और वहां जाने वाली दोनों उड़ानों (6E 421/398) को लगभग पौने दो घंटे की देरी का सामना करना पड़ा।
रद्द की गई उड़ानों की सूची
कोहरे की गंभीरता को देखते हुए प्रबंधन ने निम्नलिखित उड़ानों को रद्द करने का निर्णय लिया, जिससे यात्रियों के यात्रा प्लान पर पानी फिर गया:
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एयरलाइंस |
रूट (आगमन/प्रस्थान) |
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इंडिगो (6E) |
कोलकाता, दिल्ली |
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एयर इंडिया एक्सप्रेस (IX) |
बेंगलुरु, दिल्ली, मुंबई |
मुख्य रूप से कोलकाता, दिल्ली, बेंगलुरु और मुंबई जैसे बड़े शहरों से जुड़ने वाली उड़ानों पर इसका सीधा असर पड़ा है।
यात्रियों की बढ़ी मुश्किलें और नाराजगी
फ्लाइट्स के अचानक रद्द होने और घंटों की देरी के कारण एयरपोर्ट परिसर में यात्रियों की भारी भीड़ जमा हो गई। कई यात्री अपने छोटे बच्चों और बुजुर्गों के साथ घंटों इंतजार करते दिखे। कुछ यात्रियों ने एयरलाइंस द्वारा वैकल्पिक व्यवस्था न दिए जाने पर गहरा रोष व्यक्त किया।
एयरपोर्ट प्रबंधन का पक्ष:
“सुबह के वक्त दृश्यता का स्तर सुरक्षा मानकों से काफी नीचे चला गया था। यात्रियों की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है। तकनीकी रूप से ऐसी स्थिति में लैंडिंग और टेक-ऑफ संभव नहीं था।”




